म.प्र. के 2.30 करोड़ किसानों को मिला 29 हजार करोड़ से अधिक का दावा भुगतान
10 अप्रैल 2024, नई दिल्ली(अतुल सक्सेना): प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 15 करोड़ से अधिक किसान जुड़े – खेती में किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्राकृतिक आपदा जैसे, बेमौसम बारिश आंधी और तूफान जैसी परिस्थितियों में किसानों की फसलें नष्ट हो जाती हैं। ऐसे में किसान अपनी फसलों के नुकसान से बचने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करवाते हैं, किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और प्राकृतिक आपदाओं के नुकसान की स्थिति में बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए देश में 13 मई 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत खरीफ फसलों के लिए किसान को 2 प्रतिशत तथा रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत एवं व्यावसायिक फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम जमा करना होता है। प्रीमियम की शेष राशि का भुगतान केन्द्र एवं राज्य सरकारें बराबर-बराबर बीमा कंपनियों को करती हैं। वर्तमान में विगत 8 वर्षों में देश में लगभग 15 करोड़ से अधिक किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं तथा उन्हें 29237 करोड़ रुपए प्रीमियम के विरुद्ध 1.52 लाख करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। वहीं म.प्र. में लगभग 2.30 करोड़ किसान आवेदनों को 29439 करोड़ रुपए का दावा भुगतान किया गया है।
किसानों को योजना के स्वैच्छिक होने का लाभ मिला
किसानों को मिलने वाली मुआवजे की राशि में वृद्धि के कारण किसान भी अपनी मर्जी से इस योजना से जुड़ रहे हैं।
योजना को सरल बनाने की जरूरत
केंद्रीय कृषि मंत्री ने गत फरवरी माह में फसल बीमा योजना को सुगम बनाने के लिए ‘किसान रक्षक हेल्पलाइन 14447 और पोर्टलÓ, कृषि-बीमा सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क प्लेटफार्म सारथी एवं कृषि-समुदाय के लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम प्लेटफार्म की शुरुआत की है। अब फसल बीमा से सम्बंधित समस्याओं के लिए किसान इस हेल्पलाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश में भी फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को मिल रहा है। वर्ष 2016 से खरीफ 2023 तक लगभग 2 करोड़ 30 लाख 94 हजार कृषक आवेदनों को 29 हजार 439 करोड़ रुपए का दावा भुगतान किया गया है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में वर्ष 2020 में प्राकृतिक आपदा के कारण सबसे अधिक 51.15 लाख कृषक आवेदनों को लगभग 7790 करोड़ दावा भुगतान किया गया था। इसी प्रकार वर्ष 2021 में 44.50 लाख कृषक आवेदनों को 2933 करोड़, वर्ष 2022 में 30.48 लाख कृषक आवेदनों को 1050 करोड़ का दावा भुगतान किया गया है। योजना के शुरुआती वर्ष 2016 में मात्र 10 लाख 38 हजार कृषक आवेदनों को 1854 करोड़ का दावा भुगतान करने के बाद कृषक आवेदनों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। योजना के स्वैच्छिक होने का लाभ भी कृषकों को मिल रहा है।
वर्तमान में कृषि क्षेत्र को ज्यादा ग्रोथ के लिए जहां निवेश की जरूरत है, वहीं प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से होने वाले नुकसान के जोखिम को कम करने की भी आवश्यकता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इसके लिए काफी कारगर साबित हुई है। योजना की शुरुआत से अभी तक इसमें 15 करोड़ से ज़्यादा किसान जुड़े हैं। अब तक किसानों के 29,237 करोड़ रुपये के प्रीमियम के मुकाबले 1.52 लाख करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया है।
– श्री अर्जुन मुंडा केंद्रीय कृषि मंत्री
म.प्र. देश का अग्रणी राज्य है, फसल बीमा योजना के तहत फसल उपज आकलन भी सेटेलाईट आधारित रिमोट सेसिंग तकनीक से किया जा रहा है। जिसके कारण आकलन में अधिक सटीकता एवं प्रमाणिकता के साथ परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
– एम. सेलवेन्द्रन, कृषि आयुक्त